बरसात के इस सीजन में बच्चों को हो सकती है मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां

ना करें लापरवाही, तत्काल डॉक्टर की लें सलाह

नई दिल्ली। बरसात का मौसम बच्चों के ‎लिए काफी संवेदनशील होता है। इस मौसम में तापमान में अचानक गिरावट, हाई ह्यूमिडिटी और बारिश के बाद रुके हुए पानी से हवा, पानी और मच्छर जनित कई तरह की बीमारियां होती हैं, जो सभी उम्र के बच्चों को प्रभावित करती हैं।

मदरहुड अस्पताल, खारघर में कंसल्टेंट पीडियाट्रिशन डॉ प्रशांत मोरालवार बताते हैं, “डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और तेज बुखार, जैसी बीमारियां शरीर में तेज दर्द, चकत्ते, उल्टी और पेट दर्द से जुड़ी हैं। और गंभीर लक्षणों जैसे पेट दर्द, लगातार उल्टी और डेंगू के मामलों में रक्तस्राव होने पर तत्काल डॉक्टर की जरूरत होती है। ” दूषित भोजन और पानी के कारण भी मच्छरों और कीड़ों से फैलने वाले संक्रमण हो सकते है।

और पढ़ें : भारत का एक ऐसा जिला जहां बोली जाती है 107 भाषाएं

डॉ मोरालवार ने कहा, “खाने और पानी से होने वाली बीमारियां भी नवजात और बच्चों में डिहाइड्रेशन का कारण बनती हैं।”सामान्य सर्दी और फ्लू के साथ थकान, बुखार और शरीर में दर्द होता है, आमतौर पर यह एक सप्ताह से भी कम समय तक रहता है। डॉक्टर के मुताबिक, एक बच्चा जो फ्लू से पीड़ित है उसे सूप जैसे गर्म तरल पदार्थ दिए जाने चाहिए, और पर्याप्त आराम करना चाहिए। उसे अन्य बच्चों के निकट संपर्क में नहीं आना चाहिए। इसके अलावा बार-बार हाथ धोना और खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढंकना जरूरी है।

ऐसा भी देखा गया है कि बढ़ती नमी और फंगस के कारण बच्चों में एलर्जी और अस्थमा की स्थिति पैदा हो सकती है। समय पर पीडियाट्रिशन से संपर्क करें। इसका इलाज आराम और उचित मात्रा में तरल पदार्थ लेना है। बच्चों को ओआरएस और अन्य तरल पदार्थ जैसे दाल का पानी, छाछ देने की भी सलाह दी जा सकती है।विशेषज्ञों का कहना है कि पैरेंट्स को खाने और सफाई की आदतों को लेकर सभी सावधानियां बरतनी चाहिए।

ख़बरों से अपडेट रहने के लिए प्लेस्टोर से एप्प डाउनलोड करें : Android

वॉकहार्ट हॉस्पिटल के लीड पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ अंकित गुप्ता भी इसे लेकर कुछ बातें कहते हैं। उन्होंने बताया कि “बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए उसे फल, दूध, अंडे और बादाम से भरपूर डाइट दें। खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना चाहिए।

पीने के पानी को उबालकर या आरओ/यूवी द्वारा फिल्टर कर पीना चाहिए। मसालेदार और मीठे खाद्य पदार्थों से बचें, खासकर स्ट्रीट फूड। घर में बना खाना ही खाएं। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथ धोता है। इसके अलावा बारिश में भीगने के बाद गर्म पानी से नहाना बच्चे को कीटाणुओं से छुटकारा पाने में मदद कर सकता है। वायरल संक्रमण के रिस्क को कम करने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। अपनी नाक और मुंह को अपने हाथ से धोए बिना न छुएं।’

This post has already been read 31614 times!

Sharing this

Related posts